Sunday, March 1, 2009

टेक्नॉलॉजी की दुनिया के 10 चमत्कार

यहां आपके सामने हाज़िर हैं टेक्नॉलॉजी की दुनिया के 10 चमत्कार जिनके बारे में जानकार कहते हैं कि ये हमारी दुनिया बदल कर रख देंगे।

  1. आविष्कारों पर चर्चा करने वाली मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (एमआईटी) की मैगजीन,टेक्नॉलॉजी रिव्यू ने 2009 तक बाजार में आ जाने और धाक जमा देने वाली टेक्नॉलॉजीज की एनुअल लिस्ट जारी की है। इसमें साइंस और टेक्नॉलॉजी की दुनिया की उन इनोवेशन्स को शामिल किया गया है जो कंप्यूटर से लेकर कम्युनिकेशन और एनर्जी से लेकर हेल्थ केयर तक के अभी के टेक सेनेरियो में जबरदस्त बदलाव ला देगें।
  2. अब तक आपने ऐसी किसी बैटरी के बारे में कल्पना नहीं की होगी। एमआईटी में मटीरिअल्स केमिस्ट्री के प्रोफेसर डोनाल्ड साडोवे ने लिक्विड बैटरी तैयार की है। इस बैटरी में इलेक्ट्रिसिटी की भारी मात्रा स्टोर की जा सकती है जो रात भर सोलर पावर के जरिए कई शहरों की इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत को पूरा कर सके।
  3. साइंटिस्ट्स की एक टीम एक ऐसा रिएक्टर तैयार करने में लगी है जो डेपलीटेड यूरेनियम यानी DU (Depleted Uranium) पर चलेगी। इससे न्यूक्लियर पावर पर काम करना आसान होगा और अब के मुकाबले काफी सस्ता भी होगा। इंटलैक्चुअल वेंचर्स में न्यूक्लियर प्रोग्राम के मैनेजर जॉन गिलीलैंड इस पर काम कर रही टीम के हेड हैं।
  4. हार्वड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉर्ज वाइटसाइड्स पेपर डायग्नोस्टिक टेस्ट को जल्द से जल्द तैयार करने में लगे हैं। इसके तहत पेपर के जरिए ज्यादा से ज्यादा मेडिकल टेस्ट्स लेना संभव होगा। यानी, तब यूरिन या ब्लड संबंधी टेस्ट्स के लिए केवल एक पेपर का यूज किया जाएगा इन सैंप्लस का बाद में मेडिकल टेस्ट हो सकेगा। यह सस्ता भी होगा और फास्टर भी।
  5. केलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर मिशेल माहरबिज़ ने अनोखी बायलॉजिकल मशीन्स तैयार की हैं। यह ऐसे जीवाणुओं की फौज होगी जो निगरानी या खोजबीन में काम आ सकेंगे। इसका प्रयोग अपने आप में जादू आजमाने से कम नहीं होगा। इन बायलॉजिक्ल मशीन्स के जरिए बचाव कार्यों को भी अंजाम दिया जा सकेगा।
  6. बायोनैनोमेट्रिक्स के फाउंडर हान काओ ने एक नैनो-फ्लूडिक चिप तैयार की है, जिससे जीनोम अनालिसिस का खर्च काफी हद तक कम हो जाएगा। इस टेक्नॉलॉजी का सही प्रयोग कर डॉक्टर्स किसी पेशेंट के यूनीक जेनेटिक प्रोफाइल को समझकर उसके मुताबिक बीमारियों का ट्रीटमेंट कर सकते हैं। साथ ही इस चिप के सही प्रयोग से नए वायरसस की पहचान भी आसान होगी।
  7. IBM के फैलो स्टुअर्ट पार्किन ने डाटा स्टोरेज के लिए नई तरह की डिवाइस तैयार की है। इसके लिए मैगनेटिक नैनो वायर्स का यूज किया गया है। रेसट्रेक मेमरी कंप्यूटर्स की अब तक के सभी मेमरी टाइप्स को रिप्लेस कर सकती है। यह छोटी होगी और मंहगी भी नहीं होगी। इसका इस्तेमाल भी आसान होगा।
  8. प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटर साइंटिस्ट विवेक पई ने वेब कॉन्टेंट स्टोर करने की एक नई तरकीब निकाली है। इससे दुनिया भर में इंटरनेट एक्सेस की स्पीड बढ़ जाएगी और ये सस्ता भी हो जाएगा।
  9. सिलिकॉन वेली के स्टार्टअप 'सीरी' के सह- संस्थापक एडम चेयर और उनकी टीम एक ऐसे सॉफ्टवेयर पर काम कर रहे हैं जो आपके पर्सनल कामकाज में किसी पीए की तरह मदद करेगा! यह वर्चुअल पर्सनल असिस्टेंट सॉफ्टेवेयर होगा जो वेब सर्विसेस के बेहतर तरीके से इस्तेमाल में मदद करेगा। ट्रेवल बुकिंग से ले कर वीकएंड में मौज मस्ती की प्लानिंग बनाने में भी इंटेलीजेंट सॉफ्टवेयर असिस्टेंट आपके खूब काम आएगा।
  10. स्टैंडफोर्ड कंप्यूटर साइंटिस्ट निक मैक्विन ने ओपनफ्लो नाम का सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसके जरिए इंटरनेट यूजर्स को फायदा पहुंचेगा। ओपनफ्लो की हेल्प से रिसर्चर्स नई नेटवर्किंग टेक्नॉलॉजीज को आसानी से और तुरंत जांच सकेंगे। और हां, इस प्रोसेस के दौरान इंटरनेट की नॉर्मल सर्विसेस में कोई खलल नहीं पड़ेगा।

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